यदि आप वर्किंग प्लेस पर कांटिन्यू वर्क कर रहे हैं और आपको शारीरिक पीड़ा हो रही है तो आपके लिए वर्किंग प्लेस पर काम के दौरान ही काम के योग आसन से शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलने के साथ-साथ मन की भी पीडा समाप्त हो जाती है और मोटापा भी कम होता है। योगाचार्य व प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार चन्द्रा बताते हैं कि योगचित्तवृत्ति निरोध’ अर्थात चित्त यानी मन, वृत्ति यानी मन का वाहा वस्तुओं के संपर्क में आना, निरोध यानी वृत्तियों को रोकना चित्त वृत्तियों का निरोध ही योग है। योग ही वह साधन है, जिससे मनुष्य अपने मन को स्थिर कर उसपर नियंत्रण प्राप्त कर सकता है. योग मनुष्य को खुद पर अनुशासन करना सिखाता है. तन मन को नियमबद्ध करता है योग, ताकि शरीर के भीतर विषक्तियां न हो जमा वहीं यीगाचार्य व प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. अशोक कुमार चंद्रा बताते हैं कि योगासन व प्राणायाम से मनुष्य अपना कुंडलीयों को जगा कर, मन की शक्ति बढ़ाकर उसे शुद्ध कर सकता है। योगसूत्र के अनुसार शरीर मे विषक्तियों का जमा होना ही रोग है, चाहे वह तन को हो या मन का। योगसूत्र के अनुसार सहज आसान में बैठकर ऊं का जाप करने मात्र से ही मन शुद्ध हो जाता है क्योंकि योग ही वह साधन है जो तन को मन से व मन को ईश्वर से जोड़ता है। इसी क्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग की तरफ से चल रहे योग सप्ताह के दौरान योग प्रशिक्षक डा० चन्द्रा योगाभ्यास कराते हुए काम को योग आसन के बारे में जानकारी दी।
पादंगुष्ठासन
इसके लिए पैरों को जमीन पर अच्छी तरह टिका ले, अब अंगुलियों को ऊपर आसमान की तरफ करें। कमर से धीरे-धीरे बॉडी को झुकाते हुए हाथों से पैर की अंगूठे को पकड़े। कुछ सेकेंड यहां होल्ड करें, आराम से सांस लें और छोडते रहे। इसके बाद वापस पहली स्थिति यानी आराम से बैठ जाएं और फिर से इस आसन को दोहराएं, कम से कम 3 से 5 बार इसे जरूर करें।
उत्कटासन
यह पीठ के निचले हिस्से को मजबूत बनाता है। घुटने के दर्द को खत्म करने का रामबाण आसान है।
मेरु वक्रासन
सांस खींचते हुए दाहिने हाथ से बाएं पैर को छूएं और बाएं हाथ को पीछे ऊपर की ओर ले जाएं, यही क्रिया दूसरे हाथ व पैर से करें।
सूर्य नमस्कार
जिस तरह दूध को सम्पूर्ण आहार माना गया है। वैसे ही सूर्य नमस्कार को सम्पूर्ण योग कहा गया है। इससे शरीर के सभी अंगों को बल प्राप्त होता है।
वर्किंग प्लेस पर काम के दौरान कर सकते हैं ये आसन…
वीरभद्रासन
शरीर में संतुलन को बेहतर बनाता है। पैरों, भुजाओं व पीठ के निचले हिस्से को भी मजबूत करता है।
मंडूक आसान
पेट संबंधी सभी रोगों का आसन है। यह लीवर व पाचन संबंधी रोगों को दूर करता है।
भुजंगासन
कब्ज नष्ट होता है। भूख लगती है। गुर्दों का कार्य ठीक रखता है।
तड़ासन
हृदय, फेफड़ों व मूत्राशय संबंधी रोगों ठीक हो जाते है। लंबाई भी बढ़ती है।
स्ट्रेचिंग
ऑफिस में बैठकर आसानी से स्ट्रेचिंग करके दिनभर की थकान और शरीर में होने वाले दर्द से राहत पा सकते हैं, स्ट्रेचिंग ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और मासपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा मिलता है। स्ट्रेचिंग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदा मिलता है।
“प्रतिदिन योगभ्यास व प्राणायाम से मनुष्य अपने स्वास्थ्य को सामान्य कर निरोगी हो सकता है।”

योगाचार्य व प्राकृतिक चिकित्सक