
आरबीएसके की मदद से भी बच्चों और किशोरों में तम्बाकू के प्रति बढ़ाया जाएगा जागरूकता का स्तर
गोरखपुर। किशोरों में तम्बाकू की रोकथाम के लिए एम्स गोरखपुर द्वारा प्रस्तावित जमीनी कार्य में स्वास्थ्य विभाग भी सहयोगी बनेगा। इस दिशा में एम्स गोरखपुर जिन शिक्षण संस्थानों में काम करेगा, वहां से संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और स्वास्थ्यकर्मी मदद करेंगे। यह जानकारी सीएमओ डॉ राजेश झा ने दी।
उन्होंने बताया कि इससे संबंधित प्रोजेक्ट उम्मीद को लेकर एम्स गोरखपुर की तरफ से शनिवार को हुई वर्चुअल कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दुहराई है। इस कार्य के साथ साथ विभाग ने जिले के करीब दो सौ स्कूलों में तम्बाकू के प्रति जनजागरूकता की मुहिम छेड़ने का भी फैसला लिया है। इस काम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की भी मदद ली जाएगी । इसके लिए शनिवार को जिले के सभी आरबीएसके टीम का संवेदीकरण किया गया है।
एम्स गोरखपुर द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रस्तुति देते हुए सीएमओ डॉ झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की एक प्रमुख भूमिका संबंधित विभागों में तम्बाकू नियंत्रण को लेकर जागरूकता का स्तर बढ़ाना है। साथ ही बच्चों और किशोर किशोरियों को इस संबंध में विशेष तौर पर जागरूक करना है। अगर बचपन और किशोरावस्था को तम्बाकू की लत से बचा लिया जाए तो जीवन के अन्य मोड़ पर इस लत की आशंका कम हो जाती है।
आरबीएसके टीम के संवेदीकरण कार्यक्रम में सीएमओ ने कहा कि बदलते दौर में किशोरियों, युवतियों और महिलाओं में भी धुम्रपान का चलन बढ़ा है। खासतौर से यह लत किशोरावस्था से ही लगने लगी है। धुम्रपान करने वाली किशोरियों को आगे चल कर गर्भधारण करने में दिक्कतें पैदा करता है। यह लत बांझपन का भी शिकार बना सकती है।