
गोरखपुर। यात्रियों की बढ़ती माँग को ध्यान में रखते हुये इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं रेल सम्पर्क को मजबूत किया जा रहा है। इस रेलवे के मुख्य रेल मार्ग पर गोरखपुर जं.-कुसम्ही (14 किमी.), छपरा कचहरी-छपरा (2.0 किमी.) तथा गोंडा कचहरी-करनैलगंज (23.65 किमी.) स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन का कार्य पूर्व में ही पूरा कर कमीशन किया जा चुका है तथा करनैलगंज-घाघरा घाट के मध्य तीसरी लाइन का कार्य अंतिम चरण में है। तीसरी लाइन के निर्माण से लाइन क्षमता में वृद्धि होगी एवं मांग के अनुरूप अधिक संख्या में ट्रेनें तीव्र गति से चलाई जा सकेंगी। यात्री गाड़ियों का संचलन और अधिक सुचारू रूप से होगा, समय पालन में सुधार होगा। इसके साथ ही इस रेल खंड पर चलने वाली मालगाड़ियों के संचलन समय में भी कमी आयेगी, जो व्यापारियों/उद्यमियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा। वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 में पूर्वोत्तर रेलवे पर दोहरीकरण तथा तीसरी एवं चैथी लाइन के लिये कुल 773 किमी. की 06 परियोजनाओं का फाइनल लोकेशन सर्वे (एफ.एल.एस.) का कार्य प्रगति पर है।
वर्तमान में फाइनल लोकेशन सर्वे (एफ.एल.एस.) के अन्तर्गत सीतापुर सिटी-बुढ़वल जं. {चैका घाट} तीसरी एवं चैथी लाइन (103 किमी.); गोंडा {मैजापुर}-मगहर तीसरी एवं चैथी लाइन (145 किमी.); कुसम्ही-छपरा ग्रामीण तीसरी एवं चैथी लाइन, छपरा जं. को बाईपास करते हुये टेकनिवास-छपरा ग्रामीण सम्मिलित (170 किमी.); औंड़िहार-वाराणसी तीसरी लाइन (35 किमी.); गोंडा-नकहा जगंल वाया आनन्दनगर दोहरीकरण (215 किमी.); तथा मथुरा-कासगंज दोहरीकरण (105 किमी.) खंड हैं।
यह परियोजनायें क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिये उपयोगी होंगी तथा इससे कृषि, व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा आदि जैसे कई क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इन परियोजनाओं से यात्रियों की आवाजाही सुगम होगी तथा यात्री ट्रेनों के परिचालन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। उक्त जानकारी पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने दी।