दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता करेंगी कुलपति

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग एवं ICWA के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 26-27 जुलाई को “भारत की पड़ोसी प्रथम नीति: चुनौतियां एवं विकल्प” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० पूनम टंडन करेंगी और इस सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक व राष्ट्रीय समाज विज्ञान परिषद (RSVA) के अध्यक्ष प्रो. एस.पी.एम. त्रिपाठी होंगे और इस सत्र की मुख्य वक्ता प्रो मीना दत्ता, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ होंगी तथा इस सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में ICWA के शोध अध्येता डॉ पुनीत गौड रहेंगे। 

संगोष्ठी के समापन सत्र की अध्यक्षता प्रो. राजेंद्र प्रसाद, पूर्व कुलपति मगध विश्वविद्यालय, मगध, पूर्व कुलपति प्रो.राजेंद्र सिंह( रज्जु भैया) विश्वविद्यालय , नैनी प्रयागराज  व दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर होंगे तथा मुख्य वक्ता कर्नल सूर्य पी. रेड्डी (पश्चिम बंगाल) एवं विशिष्ट अतिथि डॉ पुनीत गौड शोध अध्येता ICWA होंगे और समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र विजेता कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव होंगे। कैप्टन यादव, एक बहादुर सैनिक, एक प्रेरणादायक व्यक्ति और एक सच्चे देशभक्त हैं। कारगिल युद्ध में उनके वीरतापूर्ण कार्यों ने उन्हें एक राष्ट्रीय नायक बना दिया है। 

कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव का जन्म 10 मई, 1980 को बुलंदशहर उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैप्टन यादव 1996 में भारतीय सेना में शामिल हुए और 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स के एक सदस्य के रूप में टाइगर हिल पर पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ाई में भाग लिया। इस लड़ाई में उन्होंने असाधारण वीरता और साहस का प्रदर्शन किया जिसके लिए उन्हें मात्र 18 वर्ष की आयु में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह परमवीर चक्र पाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय हैं। इस दौरान प्रो. दत्ता द्वारा रक्षा अध्ययन विभाग में परास्नातक कक्षा के मेधावी विद्यार्थी के लिए स्वर्गीय प्रो. राकेश दत्ता के स्मृति में एक स्मृति मेमोरियल स्वर्ण पदक और विभाग को 2 लाख रुपए शोधवृत्ति के लिए उपलब्ध कराएंगी, जिसके ब्याज से विभाग के मेधावी शोध छात्र को शोधवृत्ति प्रदान की जाएगी और इस दौरान दो पुस्तकों, एक अंग्रेजी भाषा में व एक हिंदी भाषा में का विमोचन भी किया जाना है। 

इसके अलावा इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रदेशों जैसे जम्मू कश्मीर, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों जैसे – लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, बनारस, मुरादाबाद, अलीगढ़, फैजाबाद, मेरठ व अन्य विभिन्न शहरों से विषय विशेषज्ञ व प्रतिभागी प्रतिभाग करने आएंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से आए प्रतिभागियों द्वारा लगभग 75 से ज्यादा शोध पत्र विभिन्न तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किए जाएंगे।

Vikas Gupta

Managing Editor

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