
युवा चेतना समिति ने अपने रजत जयंती वर्ष का प्रथम भव्य आयोजन बैंक रोड स्थित होटल विवेक में हर्षोल्लास के साथ किया सम्पन्न
गोरखपुर। समाज निर्माण, सांस्कृतिक चेतना और युवा सशक्तिकरण की दिशा में समर्पित युवा चेतना समिति, गोरखपुर ने वर्ष 2025 में अपने रजत जयंती वर्ष का प्रथम भव्य आयोजन बैंक रोड स्थित होटल विवेक में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर रजत जयंती प्रतीक चिन्ह, “युवा चेतना गीत”, समिति की नवीन आधिकारिक वेबसाइट, एवं समिति के कुलगीत — जो वर्ष 1992 में प्रोफेसर जगदीश लाल द्वारा लिखा गया था और डॉ. स्मिता मोदी द्वारा गाया गया, इसका लोकार्पण भी हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि युवा चेतना समिति सेवा, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में जिस सतत रचनात्मकता के साथ कार्य कर रही है, वह अनुकरणीय है। यह मंच केवल आयोजनों का नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना का प्रेरक माध्यम बन चुका है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, प्रो. शिव शरण दास ने समिति की स्थापना यात्रा को स्मरण करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों और असीम संकल्पशक्ति के साथ प्रारंभ हुई यह संस्था आज विचारशील युवाओं की प्रयोगशाला बन चुकी है। यह केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल कि प्रतिभा के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विभूतियों को श्रमवीर और कर्मवीर सम्मान दिया गया।
विशिष्ट अतिथि पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रकाश चंद्र जायसवाल ने समिति के तीन दशक से अधिक की सेवा को प्रेरणादायक बताते हुए इसे समाज सेवा की जीवंत चेतना की संज्ञा दी। डॉ. हर्ष सिन्हा ने समिति की 25 वर्षों की गरिमामयी उपलब्धियों की सराहना करते हुए प्रख्यात कथाकार कमलेश्वर के माध्यम से भारतीय संस्कृति के सम्मान का उदाहरण प्रस्तुत किया और समिति द्वारा दिए जाने वाले कर्मवीर सम्मान एवं फिराक सम्मान को अभिनंदनीय बताया। प्रोफेसर अनिल राय ने कहा मैं इस संस्था के प्रस्थान बिंदु का निकटतम साक्षी हूं। अब समय है आत्मावलोकन का, ताकि समिति और ऊंचाइयों को छू सके।

कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार मोदी ने इस आयोजन को एक उत्सव नहीं, बल्कि एक नए सामाजिक उत्तरदायित्व के संकल्प के रूप में परिभाषित किया। कार्यक्रम सचिव डॉ. ए. पी. गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन संस्था की स्थायित्वपूर्ण सोच और आधुनिक समय के अनुरूप गतिशीलता का प्रमाण है। कार्यक्रम का संचालन अत्यंत संयत और प्रभावी ढंग से विनोद प्रकाश पांडेय ने किया। इस अवसर पर समिति के कुलगीत का भी लोकार्पण हुआ, जिसे प्रो. जगदीश लाल ने लिखा और डॉ. स्मिता मोदी ने स्वरबद्ध किया।
इस अवसर पर एस. के. अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष, चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री), डॉ. करुणाकर राम त्रिपाठी, डॉ. जय प्रकाश सिंह, डॉ. अनुभूति दूबे, डॉ. रमेश चंद्र पटेल, डॉ. ममता सिंह, प्रो. अमोद राय, डॉ. अनुपम मिश्र, डॉ. हृदया त्रिपाठी, डॉ. यामिनी राय, अमिरुद्दीन गुड्डू, डॉ. एस. पी. त्रिपाठी, आशीष रूंगटा आदि को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. धर्मव्रत तिवारी,, डॉ महावीर प्रसाद कंडोई, आशुतोष मिश्र, एस. के. अग्रवाल, सुधांशु चंद्र वर्मा, अखिलेश ओझा, डॉ. कुशल नाथ मिश्र, डॉ. पी. पी. गुप्ता, महेश गोपाल गर्ग, राम पाल सिंह, प्रोफेसर अनुभूति दूबे, डॉ. किरण सिंह, डॉ. ए. एन. राय, डॉ एस पी सिंह, डॉ दीपेन्द्र मोहन सिंह राकेश कुनार सिंह रणविजय सिंह, प्रशांत त्रिपाठी, अंजनी सिंह, राकेश श्रीवास्तव, रीता मिश्रा, डॉ. शरद श्रीवास्तव, डॉ. करुणाकर त्रिपाठी, सुभाष दूबे, कक्कू सिंह, अशोक महर्षि, राजेश पांडेय, राहुल दूबे समेत अनेक शिक्षाविद, समाजसेवी, युवा प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं खिलाड़ी मौज़ूद रहें।
समापन अवसर पर, युवा चेतना समिति के अध्यक्ष मांधाता सिंह ने कहा यह आयोजन केवल विगत यात्रा का उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों के प्रति समिति की दृढ़ निष्ठा और भविष्य की प्रतिबद्धताओं का उद्घोष है। यह आयोजन समिति की साख और समाज के विश्वास का जीवंत प्रमाण है।