
गोरखपुर। आज हम पूर्णतया वैज्ञानिक युग में सांस ले रहे हैं। हमारी दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली हर वस्तु या उपकरण विज्ञान के देन के अधीन है। हम जो भी कार्य करना चाहते हैं विज्ञान की उपलब्धियां की सहायता से करते हैं। इन वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण हमारा श्रम न्यूनतम हो गया है। मैन्युअल युग से हम डिजिटल युग में आ गए हैं। हमारे सारे कार्य विभिन्न यंत्रों पर ही निर्भर हो गए हैं।
उपरोक्त बातें श्री गुरुद्वारा कमेटी जटेपुर, गोरखपुर में मदद सेवा संस्था, द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में शुभेंद्र सत्यदेव ने कही। संगोष्ठी का विषय डिजिटल युग में बदलती आपराधिक मनोवृत्ति: भविष्य की चुनौतियां रहा। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों द्वारा इस डिजिटल युग में हो रहे अनेक प्रकार के दुरुपयोग पर चर्चा की साथ ही साथ इससे बचने के उपाय भी बताएं।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संस्था के संरक्षक डॉ० राजेश चंद्रगुप्त “विक्रमी” ने कहा कि वास्तव में किसी भी आविष्कार का उद्देश्य मानव कल्याण और जनकल्याण ही होता है परंतु यह उसके उपयोग पर निर्भर करता है कि हम उसका उपयोग सकारात्मक ढंग से करते हैं या नकारात्मक ढंग से। बताते चलें यह संगोष्ठी मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के इंजीनियरिंग के छात्र छात्राओं के सोशल इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत किया गया था।
इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष इंजीनियर गौरव शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया और संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्था विगत वर्षों से विश्वविद्यालय द्वारा आवंटित किए जाने के क्रम में ऐसे सामाजिक कार्यक्रम संपादित करती है।
कार्यक्रम का सफल संयोजन श्री गुरुद्वारा कमेटी, गोरखपुर के अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अमन सिंह, मनीष गुप्ता, विशाल मौर्य, रंजन सिंह ,प्रवीण मल्ल, राजेश, अंकुश, सूर्यांश, आयुष, दिव्या, सुप्रिया, सुमित इत्यादि छात्र-छात्राओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।