
सीडीओ की अध्यक्षता में विकास भवन में एनीमिया मुक्त भारत की बैठक हुई
एम्स गोरखपुर, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस और यूनिसेफ सहित कई सहयोगी विभाग और संस्थाएं हुईं शामिल
गोरखपुर। जिले को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स को समन्वित प्रयास करने होंगे। यह निर्देश जिले के सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी ने विकास भवन सभागार में बुधवार को एनीमिया मुक्त भारत संबंधित बैठक को संबोधित करते हुए दिया। एम्स गोरखपुर, स्वास्थ्य विभाग, आईसीडीएस और यूनिसेफ सहित कई सहयोगी विभाग और संस्थाएं बैठक में शामिल हुईं।
बैठक में सैम प्रबंधन, एनीमिया नियंत्रण और छह माह तक के शिशुओं के पोषण संवर्धन को लेकर गहन चर्चा हुई। वर्ष भर की उपलब्धियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ और आगामी रणनीति तय की गई।

इस अवसर पर सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी ने कहा कि मातृत्व एनीमिया प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए समुदाय और स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच मजबूत संपर्क स्थापित किया जाए, जिससे नवजात शिशुओं और माताओं को एनीमिया के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। बैठक में सीडीओ को बताया गया कि ब्लॉक स्तर पर मातृ एनीमिया प्रबंधन केंद्रों की स्थापना होगी, जिनमें आदर्श केंद्रों का विकास और प्रदर्शन किया जाएगा। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नियमित समीक्षा और जिला प्रशासन की अध्यक्षता में तिमाही जिला टास्क फोर्स बैठकें आयोजित की जाएंगी। आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों, और आंगनवाड़ी केंद्रों तक आवश्यक पोषण और चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने पर बल दिया जाएगा।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि बैठक में 6 माह से छोटे शिशुओं में प्रारंभिक वृद्धि बाधा की रोकथाम के लिए बांसगांव के आंगनवाड़ी केंद्रों पर एक विशेष पायलट प्रोग्राम संचालित करने के बारे में भी चर्चा हुई। यह प्रोग्राम पूरे जिले और प्रदेश के लिए एक आदर्श मॉडल बनेगा। इस केंद्र पर स्वास्थ्य विभाग भी सभी आवश्यक सहयोग देगा।
समुदाय स्तर पर होगा प्रबंधन
6-59 माह के सैम बच्चों के प्रबंधन के लिए संभव अभियान के अंतर्गत सैम बच्चों की पहचान एवं समुदाय स्तर पर प्रबंधन किया जाएगा।
यह समग्र रणनीति कुपोषण और एनीमिया के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और बच्चों व माताओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाएगी।
ऐसे एनीमिया मुक्त होगा गोरखपुर
एम्स गोरखपुर और यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयास से अप्रैल 2024 में स्टेट रिसोर्स सेंटर फॉर न्यूट्रिशन की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की रोकथाम और प्रबंधन को सुदृढ़ बनाना है। यह केंद्र एम्स गोरखपुर के बाल एवं शिशु रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। गोरखपुर और श्रावस्ती जिलों में इस केंद्र के माध्यम से एनीमिया और वेस्टिंग पर विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य और आईसीडीएस विभाग को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।