“DECODE”: दूरदर्शन की विरासत और सुधीर चौधरी की विश्वसनीयता का “DECODE”

दूरदर्शन: हर घर की आवाज़
दूरदर्शन सिर्फ एक चैनल नहीं है, यह भारत के सामाजिक और लोकतांत्रिक विकास का गवाह रहा है। गाँवों की गलियों से लेकर महानगरों की इमारतों तक, इसने दशकों से खबरों, शिक्षा और संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाया है। अब जबकि मीडिया जगत में निजी चैनलों की भीड़ है, दूरदर्शन अपनी विश्वसनीयता और निष्पक्षता के कारण अब भी अलग पहचान रखता है।

सुधीर चौधरी: साख और सटीक विश्लेषण का नाम
सुधीर चौधरी की पत्रकारिता में लगभग तीन दशकों का अनुभव है। ज़ी न्यूज़ और आजतक जैसे बड़े संस्थानों में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजनीतिक, कूटनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर गहराई से रिपोर्टिंग की। उनका अंदाज़ स्पष्ट, तथ्य-आधारित और सवाल पूछने वाला रहा है—जो आज की पत्रकारिता में कम होता जा रहा है।

“DECODE”: जनता को मिली एक नई दिशा
इस शो की सबसे बड़ी खासियत है इसका उद्देश्य—समाचार को सिर्फ दिखाना नहीं, समझाना है। DECODE हर दिन की बड़ी विशेष खबर को तोड़कर, उसका विश्लेषण करके, उसके पीछे की राजनीति, समाजशास्त्र और नीतियों को जनता के सामने सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। इससे दर्शक न सिर्फ खबर सुनते हैं, बल्कि उसे समझते हैं।

जानता ने सर आंखों पर बैठाया: DECODE, जब 15 मई 2025 को डीडी न्यूज़ पर प्रीमियर हुआ तब इस कार्यक्रम ने असाधारण सफलता हासिल की और पहले 24 घंटों के भीतर यूट्यूब पर 1 मिलियन व्यूज़ के करीब पहुँच गया।DECODE की सफलता यह दर्शाती है कि मंच कोई भी हो, सामग्री की गुणवत्ता और प्रस्तुतकर्ता की विश्वसनीयता कहीं अधिक प्रभावशाली होती है।

सभी की संतुष्टि:
दूरदर्शन को सुधीर चौधरी जैसे चर्चित और अनुभवी चेहरे के साथ अपनी प्रासंगिकता और विश्वसनीयता को फिर से साबित करने का अवसर मिला है। इस कदम से युवा और शहरी दर्शक वर्ग की भी वापसी हो रही है, जो अब तक डिजिटल या निजी चैनलों की ओर झुके हुए थे।सुधीर चौधरी को एक ऐसा मंच मिला है जो सरकार से स्वतंत्र है, परन्तु राष्ट्रहित की पत्रकारिता का प्रतिनिधित्व करता है। उन्हें न केवल एक व्यापक दर्शक वर्ग मिला, बल्कि ‘TRP’ की होड़ से ऊपर उठकर गंभीर पत्रकारिता करने का मौका भी मिला।जनता को ऐसा शो मिला है जो न तो चिल्लाता है, न ही भ्रमित करता है। यहाँ उन्हें खबरों के पीछे की सच्चाई मिलती है, सरल भाषा में, गहराई से, और निष्पक्ष दृष्टिकोण के साथ।

उम्मीद:
“DECODE” सिर्फ एक प्रोग्राम नहीं, बल्कि भारतीय पत्रकारिता की उस दिशा की वापसी है जहाँ खबरें ज्ञान का माध्यम होती थीं, सनसनी की नहीं। यह साझेदारी दूरदर्शन और सुधीर चौधरी दोनों के लिए एक नई शुरुआत है, और जनता के लिए एक बड़ी राहत और उम्मीद।10-20 सेकंड में बदलती हुई रील और स्क्रॉल करती हुई उंगलियों के बीच, कंटेंट की गुणवत्ता एक ठहरा हुआ समुद्र है, जो अभी भी सर्वोपरि है।

गौरव शंकर खरे 
फिल्मकार / राजनीतिक विश्लेषक
  • Vikas Gupta

    Managing Editor

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