शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की कुंजी है योग : डॉ. सुरिंदर सिंह

अनेक बीमारियों को नियंत्रित करने में कारगर है योग : डॉ. योगेंद्र तिवारी

गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को ‘योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम वैज्ञानिक पद्धति है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की भी कुंजी है। यह केवल व्यायाम का माध्यम नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन, चेतना और आत्मज्ञान की ओर एक यात्रा है।

डॉ. सिंह ने कहा कि आज के तनावपूर्ण और प्रतिस्पर्धा-युक्त जीवन में योग अपनाना एक आवश्यकता बन गई है। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि विश्वविद्यालय स्तर पर योग को केवल गतिविधि के रूप में नहीं, बल्कि अकादमिक और व्यवहारिक शिक्षा के रूप में भी स्थान मिलना चाहिए। इसके लिए विश्वविद्यालय में योग अनुसंधान, योग शिक्षक प्रशिक्षण एवं योग आधारित पाठ्यक्रमों को और अधिक सुदृढ़ करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

वेबिनार के मुख्य वक्ता डॉ. योगेन्द्र तिवारी, सहायक आचार्य नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज बडहलगंज ने बताया कि योग तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद जैसी बीमारियों के नियंत्रण में अत्यंत प्रभावशाली है। योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को स्थापित करती है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा प्रणाली में योग को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एकीकृत किया जाए, तो एक सशक्त, स्वस्थ और जागरूक युवा पीढ़ी का निर्माण संभव है। 

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना की राज्य संपर्क अधिकारी डॉ. मंजू सिंह ने कहा कि योग केवल शरीर की क्रिया नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है जो आत्मानुशासन, एकाग्रता और आंतरिक स्थिरता प्रदान करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को योग को केवल एक कार्यक्रम के रूप में नहीं, बल्कि अपनी जीवनशैली का अंग बनाने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से योग को व्यापक स्तर पर प्रसारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि समर दीप सक्सेना, क्षेत्रीय निदेशक, भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना  उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की वैश्विक स्वीकृति की सराहना करते हुए युवाओं से आह्वान किया कि वे योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। 

संचालन एवं स्वागत भाषण डॉ. रश्मि झा ने तथा आभार ज्ञापन अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर आयुर्वेद संकाय के प्राचार्य डॉ.गिरधर वेदांतम, प्रो. मिनी के., डॉ.सुमित  कुमार, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अखिलेश दुबे, कार्यक्रम अधिकारी धीरज कुमार, साध्वी नंदन पांडेय, गरिमा पांडेय, सुमन यादव, श्रीनाथ आर. के साथ समस्त शिक्षक एवं स्वयसेवक उपस्थित रहे।

Vikas Gupta

Managing Editor

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